स्कूल खुलने का इंतज़ार करते परेशान हुए स्कूल प्रबंधन ने मजबूर होकर विद्यालय को मैरेज हॉल में किया तब्दील….
गोरखपुर। गोरखपुर (Gorakhpur) के पीपीगंज (Pipaganj) के भगवपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में कोरोना काल (Corona period) से पहले 500 से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ते थे। कोरोना की तीनों लहर में स्कूल प्रबंधन (school management) इस कदर टूटा कि उसने स्कूल की जगह मैरेज हॉल (marriage hall) बनवाने का निर्णय ले लिया। पीपीगंज के एक स्कूल में अतिथि भवन खोल दिया गया है। कौड़ीराम (Kaudiram) में एक स्कूल को होटल (hotel) में तब्दील करने की तैयारी है। कोरोना काल में सर्वाधिक बुरी स्थिति कस्बाई इलाके (town area) के स्कूलों की हुई है।
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तमाम लोगों ने किराए के भवन (rented buildings) में स्कूल खोल लिया था तो कइयों ने बैंक (bank) से लोन (loan) लेकर पब्लिक स्कूल खोल लिया था। कोरोना में लोगों का रोज़गार खत्म हुआ तो पब्लिक स्कूलों से मोहभंग हुआ। गाँव के सरकारी प्राथमिक स्कूलों (government primary schools) में लोगों ने न सिर्फ साल बचाने के लिए एडमिशन (admission) करा लिया, बल्कि उन्हें मिड डे मील (mid day meal) और स्कूल ड्रेस आदि के नाम पर बैंक खाते में नकदी भी मिल गई।
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अब दो साल बाद भी कोरोना को लेकर स्थिति नहीं सुधर रही है तो लोग दूसरे विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं। पीपीगंज के भगवपुर में स्थित विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर को बंद कर मैरेज हॉल का निर्माण हो रहा है। कस्बे के एक अन्य स्कूल में अतिथि भवन (guest house) बना दिया गया है।
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