सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बढ़ाया चाचा का कार्यभार, स्टार प्रचारकों की नई सूची में शामिल किया शिवपाल यादव का नाम
लखनऊ। जसवंतनगर (Jaswant Nagar) में वोटिंग (voting) के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। अब उन्हें प्रदेश (State) के दूसरे हिस्सों में पार्टी के लिए समर्थन जुटाने (garnering support) की जिम्मेदारी दी गई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatisheel Samajwadi Party) (प्रसपा) के प्रमुख को सपा (SAPA) ने स्टार प्रचारकों (star campaigners) की सूची में शामिल कर लिया है।
सपा गठबंधन (alliance) की ओर शिवपाल यादव को महज जसवंत नगर की सीट मिली थी, जिस पर रविवार को तीसरे चरण में मतदान (voting) हो गया। सपा की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की नई सूची में पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), डिंपल यादव (Dimple Yadav) और स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) जैसे नेता शामिल हैं।
सपा की ओर से पहले जिन 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई थी उसमें शिवपाल यादव का नाम शामिल नहीं था। साइकिल निशान (Cycle election symbol) पर ही चुनाव (election) लड़ रहे शिवपाल का नाम स्टार प्रचारकों शामिल नहीं किए जाने पर राजनीतिक जानकार (political scientist) समेत पार्टी के समर्थक हैरान थे। शिवपाल यादव की सपा संगठन में मजबूत पकड़ रही है। वह लंबे समय तक मुलायम सिंह यादव के साथ जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच काम कर चुके हैं।
हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले मुलायम सिंह यादव की विरासत को लेकर हुए विवाद में अखिलेश यादव ने उन्हें दरकिनार कर दिया था। इसके बाद शिवपाल यादव ने नई पार्टी बना ली थी। 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव उन्हें दोबारा गठबंधन में शामिल करने में कामयाब रहे। हालांकि, शिवपाल यादव ने शुरुआत में सपा से करीब 100 सीटों की माँग की थी, लेकिन मिली महज एक।
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शिवपाल यादव हाल के दिनों में इसको लेकर कई बार असंतोष (discontent) भी जाहिर कर चुके हैं। हाल ही में इटावा (Etawah) में हुए एक रोड शो (road show) में शिवपाल, अखिलेश और मुलायम के साथ रथ में सवार नज़र आए थे। अब अखिलेश ने उनकी जिम्मेदारी बढ़ाकर प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी गठबंधन के लिए वोट जुटाने को कहा है। इसे शिवपाल की नाराज़गी (resentment) दूर करने के एक प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है। इसके अलावा कार्यकर्ताओं में परिवार के एकजुटता (Solidarity) का संदेश जाने से पार्टी (party) को फायदा होने की उम्मीद की जा रही है।