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यूपी में बनने वाली BJP की नई सरकार में ओबीसी व दलित मंत्रियों की संख़्या होगी हर बार से ज़्यादा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बनने जा रही बीजेपी की नई सरकार (BJP Government in UP) में पिछड़े और दलित मंत्रियों की संख्या इस बार पहले से ज़्यादा रहने की संभावना है। पिछली सरकार में तो कैबिनेट मंत्रियों (Yogi Cabinet) की फेहरिस्त में सिर्फ एक ही मंत्री दलित कोटे से थे, लेकिन इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी दलित (Dalit) को डिप्टी सीएम (Deputy CM) तक बनाया जा सकता है।

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इसके अलावा भरपूर संख़्या में दलित कोटे से मंत्री भी बनेंगे। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि पिछड़ी जाति के मंत्रियों की संख़्या पिछले मंत्रिमंडल (cabinet) से ज़्यादा रहेगी। ऐसा करके बीजेपी दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के समीकरण को साधने की कोशिश करेगी। अब सवाल उठता है कि लोकसभा के चुनाव से इसका क्या ताल्लुक है..? चुनाव (election) से ऐन पहले ये थ्योरी चलायी गई थी कि बीजेपी ने 2017 के चुनाव में वोट (vote) तो पिछड़ी जाति के नाम पर लिया, लेकिन मुख्यमंत्री (Chief Minister) की कुर्सी सामान्य वर्ग को दे दी।

यहाँ तक कि मंत्रिमण्डल में भागीदारी को लेकर भी विपक्षी पिछड़ी जाति के नेताओं द्वारा सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। नई बीजेपी सरकार में इस बार पिछड़ी और दलित जातियों से ज़्यादा मंत्री क्यों बनाए जा सकते हैं..? इस सवाल का जवाब जानेंगे लेकिन आइए सबसे पहले जानते हैं कि इन समुदायों की पिछली योगी मंत्रिमण्डल में कितनी संख्या थी।

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निवर्तमान योगी सरकार (Yogi Government) के 22 कैबिनेट मंत्रियों (cabinet ministers) की लिस्ट में एक दलित और पाँच ओबीसी मंत्री थे। स्वतंत्र प्रभार के 8 राज्यमंत्रियों में से 1 दलित और 2 पिछड़ी जाति थे। राज्यमंत्रियों की सूची थोड़ी अलग थी। 27 राज्यमंत्रियों में से 7 दलित और 13 पिछड़ी जाति से थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार के मंत्रिमंडल की सूरत बदली होगी, यानी पहले से ज़्यादा ओबीसी और दलित मंत्री इस बार बनाए जा सकते हैं।