वाराणसी को जल्द ही मिलने वाला है उसका 85वाँ घाट, जिसको “नमो” नाम से जाना जाएगा
वाराणसी। वाराणसी (Varanasi) को जल्द ही अपना 85वाँ घाट (ghat) मिलेगा, जिसका नाम “नमो” रखा जाएगा। नमो घाट (Namo Ghat) में तीन जोड़ी हाथ की आकृति बनी हैं, जो ‘नमस्ते’ करते हुए नजर आएँगे। संयोग से, नमो का इस्तेमाल अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए किया जाता है। घाट पर तीन सैरगाहों में से एक पर 25 फीट लंबी और एक छोटी ‘नमस्ते’ प्रतिमाएँ (images) पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।
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इस घाट पर इन प्रतिमाओं के पीछे 75 फीट ऊँची एक मूर्ति (Sculpture) लगेगी, जिसमें ओपन-एयर थिएटर (open air theater), फूड कोर्ट (Food court), जेट्टी और सीएनजी फिलिंग स्टेशन (CMG filling station) जैसी कई सुविधाएँ होंगी। संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि गंगा (Ganga) के अनुप्रवाह में राजघाट (Rajghat) और शाही नाले के बीच मौजूदा घाट क्षेत्र को मनोरंजन सुविधाओं के साथ एक आधुनिक, पूरी तरह से सुलभ घाट के रूप में पुनर्विकास किया जा रहा है। इसे “नमो घाट” नाम दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या नए घाट का नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय संक्षिप्त नाम पर आधारित है, उन्होंने कहा कि इस घाट पर नमस्ते मूर्तियों की स्थापना की शुरुआत के साथ, लोग इसे नमो घाट कहने लगे, जिसके बाद इसे इसका नाम नमो घाट रखने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि इस घाट के पुनर्विकास के लिए परियोजना (Project) की लागत 72 करोड़ रुपये है। इसे दो चरणों में निष्पादित किया जा रहा है। पहले चरण के काम में 21 करोड़ रुपये की लागत आई है और यह पूरा होने की कगार पर है।
अन्य तीन प्रतिमाओं की स्थापना के बाद केवल 75 फीट ऊँची नमस्ते प्रतिमा की स्थापना का काम बचा है। मालवीय रेलवे पुल के नीचे नमो घाट और राजघाट के बीच विशाल पैदल मार्ग और रैंप के माध्यम से कनेक्टिविटी भी स्थापित की गई है ताकि विकलांग लोग भी नए घाट तक पहुँच सकें। आयुक्त ने कहा कि नमो घाट में तीन अलग-अलग स्तरों पर विशाल सैरगाह (resort) है और इसमें टाइमलाइन मूर्तिकला साइनेज के साथ फूड कोर्ट, 1000 लोगों को समायोजित करने के लिए एक ओपन-एयर थिएटर, शौचालय और आरओ पीने का पानी, कार और दोपहिया पार्किंग (car parking) होगी। उन्होंने कहा कि नमस्ते की मूर्तियाँ शहर के एक नए मील के पत्थर के रूप में उभरेंगी।