UP की जेलों में बंदियों द्वारा बनाए गए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद जल्द ही आम जनता के लिए होंगे उपलब्ध, साल भर सामानों को खरीद सकेंगे लोग
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की विभिन्न जेलों (jails) में बंदियों (prisoners) द्वारा बनाये गये गुणवत्तापूर्ण उत्पाद (quality product) जल्द ही आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। राज्य के लोग जल्द ही इन उत्पादों को खरीद सकेंगे। फिर चाहे वह मथुरा (Mathura) की जेल में बने भगवान के वस्त्र हों या फिर मेरठ (Meerut) की जेल में बने खेल के सामान और ट्रैक सूट हों। यहाँ नैनी सेंट्रल जेल (Naini central jail) परिसर में जेल उत्पाद विक्रय केंद्र का रविवार को उद्घाटन करने के बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी.एन. पांडेय ने बताया कि अभी तक जेल में बने उत्पाद माघ मेले और कुंभ मेले (Kumbh mela) में आम लोगों के लिए उपलब्ध होते थे।
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लेकिन अब लोग सालभर इन उत्पादों को खरीद सकेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के जेल परिसरों में इसी तरह के विक्रय केंद्र (selling point) खोलने की पहल की जा रही है और उन केंद्रों पर दूसरी जेलों के उत्पाद भी मुहैया कराए जाएँगे। उन्होंने बताया कि इनमें मेरठ जेल में बने खेल के सामान और ट्रैक सूट, मथुरा जेल में बने भगवान के वस्त्र, उन्नाव (Unnaon) जेल में बनी दरी, फतेहगढ़ (Fatehgarh) जेल में बने गार्डेन अंब्रेला और लखनऊ (Lucknow) की जेल में तैयार सरसों का तेल शामिल है।
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पांडेय ने बताया कि सेंट्रल जेल, नैनी में बंदियों द्वारा तैयार शीशम की लकड़ी के बेहतरीन फर्नीचर इस विक्रय केंद्र में उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश की ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) योजना के तहत प्रयागराज से मूँज के अलावा खाद्य प्रसंस्करण को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही जेल में बंदियों को खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों का प्रशिक्षण (Training) दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेल के बंदियों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री से जो भी लाभ होता है, उसे कैदियों के बीच लाभांश के तौर पर वितरित कर दिया जाता है। पांडेय ने बताया कि यह लाभांश उनके बैंक खातों (bank account) में हस्तांतरित कर दिया जाता है।