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बैंडिट क्वीन फूलन देवी का अपहरण करने वाले छेदा सिंह की मौत….

डकैत से नेता बनीं फूलन देवी के साल 1980 में कथित अपहरण और उनके प्रेमी की हत्या के आरोप के 52 साल बाद छेदा सिंह का टीबी रोग से इटावा के सैफई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में निधन हो गया। छेदा सिंह को 1998 में भगोड़ा घोषित किया गया था। 5 जून, 2022 को औरैया जिले के भसौन गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें इटावा जेल भेज दिया गया।

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बता दें कि छेदा सिंह पर चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय बनने लेकर देश की संसद तक सफर तय करने वाली दस्यू सुंदरी फूलन देवी के अपहरण का आरोप था। उसके खिलाफ मध्य प्रदेश के अलावा, जालौन, कानपुर देहात और औरैया में दर्जनों फिरौती और लूट की घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज हैं। यही नहीं, आरोपी अस्ताकांड में फूलन देवी के साथ बैहमई कांड का बदला लेने के दौरान लालाराम का साथ देते हुए अस्ता में 12 लोगों को गोली का शिकार बनाने की घटना में शामिल था। बता दें कि छेदा सिंह पर अयाना थाना समेत आसपास के जिलों और मध्यप्रदेश में करीब 24 से ज्यादा केस दर्ज हैं।

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आरोपी छेदा सिंह को औरैया पुलिस ने 24 साल बाद गिरफ्तार किया। डकैत साधू के भेष में फरारी काट रहा था। जब गैंग खत्म होने लगे। तो उसने खुद को मृत घोषित दिखाकर अपनी जमीन अपने भाई अजब सिंह के नाम करवा दी थी। इसके बाद वह उस इलाके को छोड़कर चित्रकूट में दूसरे नाम से आधार कार्ड और अन्य कई जरूरी दस्तावेज बनाकर एक सन्यासी के रूप में रह रहा था। जब वह गिरफ्तार किया तब उसके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड भी बरामद किया गया था।

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