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मेरठ के जीवन के जुनून का कमाल, घर को बनाया म्यूजियम….

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के जीवन सिंह बिष्ट ने अपने घर को ही संग्रहालय का रूप दे दिया है। जीवन ने तीस वर्षों में तेरह हजार डाक टिकट और हजारों क्वाइन्स इकट्ठा कर लिया है। उसपर तीस वर्ष पहले ऐसा जुनून सवार हुआ जो 62 वर्ष की आयु में भी जारी है। इस शख्स को पुरानी चीजे इकट्ठी करने का शौक है.उन्होंने पुराने से लेकर अब तक के 13000 डाक टिकट, एक से 100 पैसे तक के सिक्के, 310 तरह की ताश की गड्डियां, 825 फाउंटेन पेन जैसी सामग्रियों को जुटाया है।

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उनके पास एक से 250 रुपये और इससे भी महंगे पेन हैं। उन्होंने घर की दीवारों पर सिक्कों को चिपकाया है तो अन्य संकलित चीजों को भी संग्रहालय के रूप में सजाया है। अब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से उन्हें ई मेल मिला है कि उनका चयन बेमिसाल कार्य के लिए हो गया है। जीवन बताते हैं कि बीते दिनों जून में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम उनके घर आई थी। कई महीनों की प्रक्रिया के बाद अब उनका चयन इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए हो गया है. बहुत जल्द उन्हें सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा। उनका दावा है कि उनके पास 13 हजार अलग-अलग तरह के डाक टिकट हैं। वहीं, 1940 के बाद के ज्यादातर सभी डाक टिकट उपलब्ध हैं।

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सरकारी कामकाज में प्रयोग होने वाले टिकटों को तो अलग दीवार पर सजाया है। रसीदी टिकट, पोस्ट कार्ड और अलग-अलग लिफाफों का भी संग्रह है। मुस्लिम 786 वाले अंक को शुभ मानते हैं। इन अंकों वाले नोटों का भी संग्रह उन्होंने कर रखा है। वहीं, वर्ष 1804 में राजा-महाराजा वाले चांदी, तांबा, कांसा, पीतल के सिक्कों का भी संग्रह किया गया है। जीवन ने अपने घर में विलुप्त हो रही गोरैया का भी बसेरा बना रखा है। जीवन सिंह का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं चाहिए बस प्रोत्साहन चाहिए। वाकई में जो भी उनके संग्रहालय जैसे घर को देखता है वो वाह कहे बिना नहीं रह सकता।

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