कानपुर। आईआईटी (IIT) से मोतीझील (Motijheel) के बीच लाल, बैगनी और हरे रंग के इशारे पर मेट्रो (metro) चलेगी। पहले कॉरिडोर के पहले चरण में एलीवेटेड ट्रैक (elevated track) की सिग्नलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है।
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नौ किलोमीटर में 29 सिग्नल (signal) लगाए जाने थे जिसमें 27 लग गए, दो लगाए जा रहे हैं। जो सिग्नल लगाए गए हैं उसमें लाल रंग ट्रेन को रुकने का संकेत देगा, जबकि बैंगनी रंग का सिग्नल होने पर ट्रेन को एक निर्धारित गति सीमा पर आगे बढ़ने की अनुमति होगी।
इस रंग का संकेत तब मिलता है, जब ट्रैक पर कुछ ही दूरी पर दूसरी ट्रेन भी मौजूद हो। हरे रंग का सिग्नल तब मिलेगा जब आगे का रूट (route) पूरी तरह क्लीयर हो। कोई और ट्रेन न हो जिससे भरपूर रफ़्तार मिल सके। हालांकि सफेद रंग का भी सिग्नल है जो डिपो (depo) में ट्रेन के मूवमेंट के निर्धारण के लिए है।
इसका ट्रैक से कोई मतलब नहीं होता। इसे शंट सिग्नल (Shunt signal) कहते हैं। इसमें तीन लाइटें लगी होती हैं। जब हॉरिजोंटल लाइट (Horizontal light) जलती है तो इसका मतलब रुकने का संकेत है। जब दो लाइटें 45 डिग्री के कोण पर जलती हैं तो ट्रेन (train) के लिए चलने का संकेत होता है।
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