सपा प्रत्याशी पूजा शुक्ला ने की NDTV से खास बातचीत, कहा सीएम योगी को संवाद से ज़्यादा पसंद है विवाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी सरगर्मियाँ तेज़ हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की लखनऊ उत्तर (Lucknow North) से उम्मीदवार पूजा शुक्ला (candidate Pooja Shukla) ने एनडीटीवी (NDTV) से खास बातचीत की। आपको बता दें कि यह वही पूजा शुक्ला हैं जिन्होंने साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के काफ़िले में काले झंडे दिखाए थे और बाद में उन्हें 26 दिन के लिए जेल (jail) में भी रहना पड़ा था। इसके बाद उन्हें इसी कारण से लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) ने एडमिशन देने से मना कर दिया।
उन्होंने भूख हड़ताल (hunger strike) की, जिसके बाद उन्हें एडमिशन मिला। पूजा ने कहा कि उनका आंदोलन (Agitation) साल 2017 में नहीं बल्कि इससे पहले से ही चल रहा है। वह समय-समय पर अहम मुद्दों पर आवाज उठाती रही हैं। पूजा ने कहा, “मैं साल 2012 से ही अहम मुद्दों पर बात करती रही हूँ, बस फर्क इतना है कि उस समय सरकारें मुकदमा (court case) नहीं चलाया करती थीं, तब सरकार वाद-विवाद और संवाद (conversation) पर भरोसा करती थी।
साल 2017 में लगातार विश्वविद्यालय में फीस बढ़ रही थी और हम अपने वाइस चांसलर (vice chancellor) से कह रहे थे कि अगर आप इसी तरह से फीस बढ़ाते रहेंगे तो जो बच्चे गरीब परिवार से आते हैं वो यह लाखों की फीस कैसे चुका पाएँगे। उनका कहना था कि सरकार फंड (fund) नहीं दे रही है। तब हमने उन्हें सुझाव दिया कि हम आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस में हमारा साथ नहीं दिया।
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” उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता था कि देश में लोकतंत्र (Democracy) है और उत्तर प्रदेश में भी लोकतंत्र है, लेकिन हमें नहीं पता था कि उत्तर प्रदेश में ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुन लिया है जिनको वाद-विवाद और संवाद में सबसे अच्छा विवाद (controversy) ही लगता है। उनका मुख्य एजेंडा (main agenda) यही है कि उनके खिलाफ उठने वाली आवाज या उनसे सवाल पूछने वाली आवाज को दबा दिया जाए। हमें लगा था कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आ रहे हैं।
तो हम अपनी परेशानियाँ उनके आगे रखेंगे, हम उनके कार्यक्रम को खराब नहीं करना चाहते थे। मगर हमने जब मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश की तो छात्रों को पकड़ा गया और उन्हें मारा गया, तब हमने उनको काले झंडे (black flags) दिखाए।”