UP के डीजीपी मुकुल गोयल हुए पद से बर्खास्त, फैसले पर अखिलेश यादव ने कसा योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर तंज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) को पद से हटा दिया गया, उनकी जगह पुलिस महानिदेशक अभिसूचना (Director General of Police Intelligence) देवेंद्र सिंह चौहान को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है। इस बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने डीजीपी गोयल को आरोप (allegation) लगाकर हाटने पर योगी सरकार (Yogi Government) की कार्यप्रणाली पर तंज कसा है। प्रदेश के पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा, ‘उप्र के DGP को ये आरोप लगाकर हटाना कि वो शासकीय कार्य (official work) की अवहेलना करते थे।

विभागीय कार्य में रुचि न लेते थे और अकर्मण्य थे, बेहद बचकाने बहाने हैं। इससे पुलिस बल का मनोबल गिरा है। क्या उनकी नियुक्ति (appointment) के समय उनकी योग्यता की जाँच नहीं की गयी थी, ऐसे में उनका चयन (selection) करने वाले भी दोषी हुए। दरअसल, प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी डीजीपी को विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और अकर्मण्यता के चलते उनके पद (post) से मुक्त कर दिया गया है, और उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा (DG Civil Defense) के रूप में तैनात किया गया है। जून 2021 में मुकुल गोयल यूपी के डीजीपी नियुक्त किए गए थे, लेकिन उन्होंने अपने पद पर एक साल भी पूरा नहीं किया कि गंभीर आरोप के साथ पद से हटाए जाने का फरमान (order) आ गया।
कार्यभार संभालने के बाद देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस बल के डीजीपी के रूप में जनता की सेवा का अवसर देने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इसके साथ देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि यूपी पुलिस (UP police) एक परिवार की भाँति टीम भावना बनाये रखते हुए शासन की प्राथमिकताओं के अनुसार पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करेगी। इससे पहले यूपी (UP) के कार्यवाहक डीजीपी ने सीएम योगी से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की थी। देवेंद्र सिंह चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफ़सर (IPS officer) हैं। इससे पहले वह डीजी इंटेलिजेंस (DG intelligence) के पद पर तैनात रहे हैं। चौहान का रिटायरमेंट (retirement) मार्च 2023 में होना है। जानकारी के मुताबिक, उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफ़सरों में होती है।