छोटे कारोबारियों की मांग जीएसटी की नए सिरे से समीक्षा की जाए….
लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अपना आखिरी बजट बुधवार को पेश करने जा रही हैI देश के कारोबारियों को उम्मीद है कि सरकार इस साल उन्हें टैक्स में छूट देगीI इसी के चलते कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) कारोबारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 18 सूत्रीय मांग पत्र भेजा हैI
ये है कैट (CAIT) का 18 सूत्रीय बजट माँग पत्र
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- कैट ने मांग की है कि जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा हो.
- कैट ने आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा की मांग की है.
- रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा की मांग की है.
- एक राष्ट्र -एक कर की तर्ज़ पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति हो
- व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना शुरू करने की मांग की है.
- उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज़ पर व्यापारियों के लिए बीमा योजना शुरू करने का सुझाव दिया है.
- कैट ने छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड लाने की मांग की है.
- बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से कर्ज देने की मांग की है.
- नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स द्वारा व्यापारियों को कर्ज दिलाने के लिए सक्षम बनाने का सुझाव दिया है.
- कैट ने व्यापारियों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की मांग की है.
- स्पेशल इकनोमिक जोन की तर्ज पर गांवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा करने की मांग भी की है.
- आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन करने की मांग है.
- कैट ने व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा करने की मांग की है.
- उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने की भी मांग है.
- कैट ने ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा करने की मांग की है.
- ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा करने की भी मांग है.
- रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा करने की भी मांग है.
- कैट ने केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा की मांग की है.