ATI NEWS
पड़ताल हर खबर की ...

हर व्यक्ति का जीवन दो हिस्सों में बटा होता है-

हर व्यक्ति का जीवन दो हिस्सों में बटा होता है-

हर व्यक्ति का जीवन दो हिस्सों में बटा होता है-
पहला, जब हम मां बाप के सहारे होते है
बड़ा ही सुखमय होता है जब हमें सिर्फ फर्माईसें करनी होती है और वो चुटकियों में पूरी हो जाती है।
ना किसी चीज की चिंता ना ही किसी चीज का भय और न ही कोई जिम्मेदारी होती है।
बस मन में अनेकों ख्वाब बुनने कि बारी होती है,
बढ़िया कपड़े और महंगे मोबाइल फोन की यारी होती है।
दोस्तों के साथ बुलेट (मोटरसाइकिल) पे तीन की सवारी होती है,
क्रिकेट के खेल में कैप्टन बनाने की और पहले बैटिंग करने की मारामारी होती है।
हर रोज दोपहर से सुबह की शुरुआत हमारी होती है,
और उठते ही कॉलेज जाने की तैयारी होती है।
उस वक़्त लगता है कि बड़ी आसान है, ये तो कट जायगी यूंही!

और दूसरा हिस्सा वो-

जब फर्मईसें पूरी करने की बारी हमारी होती है।
जब कंधे पर ज़िम्मेदारी होती है,
जब ख्वाबों को हकीकत करने कि तैयारी होती है।
ज़िन्दगी के खेल में खेलनी एक अच्छी पारी होती है
असल ज़िन्दगी तो वहीं से शुरू होती है,
जब कंधे पे ज़िन्दगी का सारा बोझ होता है।
जब ज़िन्दगी की जद्दोजहद से लड़ना रोज होता है,
बदन पे पुराने कपड़े और हाथ में छोटा सा मोबाइल होता है,
वही ज़िन्दगी जीने का हमारा स्टाइल होता है
जब सारे फ़ैशन और ऐशो आराम सब भूल जाते है
जब हम अपने आपको अपने पैरों पे खड़ा पाते है,
जब खुद की ख्वाहिशों से ज़ादा मायने अपनों के सपने हो जाते है, तब असल में हम ज़िन्दगी जीना सीख जाते .

Shubhendra dhar dwivedi
Shubhendra dhar dwivedi